अग्निवर्द्धक वटी – लाभ, उपयोग, मात्रा, अनुपान | Agnivardak Vati Uses, Dose, Anupaan, Side Benefits

अग्निवर्द्धक वटी – लाभ, गुण एवं उपयोग, मात्रा, अनुपान – केवल आयुर्वेद चिकित्सकों के लिए


अग्निवर्द्धक वटी के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी

अग्निवर्द्धक वटी घटक द्रव्य

  1. काला नमक, 
  2. नौसादर, 
  3. गोल मिर्च
  4. आक के फूलों की लौंग (आक के फूलों के भीतर जो चतुष्कोणाकार भाग होता है, उसको आक के फूलों की लौंग कहते हैं)


अग्निवर्द्धक वटी बनाने के विधि 


इन चारों को सम भाग लेकर कूट-कपड़छ्न किए हुए कुल चूर्ण से सोलहवाँ भाग निम्बू सत्व मिला, निम्न रस के साथ मर्दन कर चने के बराबर गोलियाँ बना ले, धूप में सुखा कर रख लें। 


मात्रा और अनुपान –


१-१ गोली दिन में ४ गोली तक गर्म जल से दें या मुंह में डालकर चूस लें।


गुण और उपयोग –


यह अत्यन्त स्वादिष्ट और पाचक रस उत्पन्न करने वाली है। इससे भोजन पच कर भूख खूब लगती और दस्त साफ आता है। एक-दो गोली खाते ही मुंह का बिगड़ा हुआ स्वाद ठीक हो जाता है। यह गोली मन्दाग्नि, अरुचि, भूख न लगना, पेट फूल जाना, पेट में आवाज होना, दस्त-कब्ज रहना, खट्टी डकारें आना आदि दोषों को दूर कर जठराग्नि को प्रदीप्त करती और भूख बढ़ाती है। जिन्हें बारबार भूख कम लगने की शिकायत हो, उन्हें यह गोली अवश्य लेनी चाहिए।


अजीर्ण की शिकायत अधिक दिनों तक बनी रहने पर पित्त कमजोर हो जाता और कफ तथा आँव की वृद्धि हो जाती है। इसमें हृदय भारी हो जाना, पेट में भारीपन बना रहना, शरीर में आलस्य, किसी भी काम में उत्साह नहीं होना, हृदय की गति और नाड़ी की चाल मन्द हो जाना आदि लक्षण होने पर यह वटी देने से बहुत शीघ्र लाभ होता है। यह पित्त को जागृत कर, कफ और आँव के दोष को पचाकर बाहर निकाल देती है और पाचक रस की उत्पत्ति कर भूख जगा देती है।

Also Read this  WHO and Deparment of Ayurveda Pusblised Essential Drug list of Ayurvedic medicine for Hospital


उदरशूल में गरम पानी के साथ २ गोली लेने से तुरन्त रामबाण की तरह लाभ करती है ।




_________________________xxx________________________


BUY KHADIRARISHTA FOR ACNE AND PIMPLES 

Benefits of Khadirasita 

Skin diseases
blood purifier with cardio-protective activity. 
Relieve itching 
beneficial in anemia. 
Reduce dandruff
Fungal infections
Indicated in cysts
Worm infestations 
Ascites 
Respiratory disorders.
anti-infective property

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *