चरकोक्त सप्त त्रिक क्या है आईये समझते है सरल शब्दों में
चरकोक्त सप्त त्रिक का वर्णन कहा मिलता है ?
आचार्य चरक ने चरक संहिता के सूत्रस्थान के 11 अध्याय के 34 वे शलोक मे सप्त त्रिक का वर्णन किया है।
सप्त त्रिक से हम क्या समझते है?
सप्त means 7 or त्रिक means 3
अर्थात आचार्य चरक ने शरीर और उसको स्वस्थ रखने के ऐसी सात संरचना का वर्णन किया है , जो संख्या में तीन होती हैं।
1 – तीन उपस्तंभ – आहार, निद्रा, ब्रह्मचर्य,
2 – त्रिविध बल – सहज , कालज, युक्तिकृत
3 – तीन आयातन – काल, अर्थ, कर्म
4 – तीन रोग – निजरोग, आगुन्तक, मानस
5- तीन रोगमार्ग – शाखा, मर्मअस्थि, कोष्ठ
6- त्रिविधि भेषक – छद्मचर, सिद्ध साधित, वैध
7-त्रिविधि औषध – दैव्यआश्रय, युक्ति आश्रय, सत्वावजय
चरकोक्त सप्त त्रिक परीक्षा की दृष्टि से कितना महत्व है?
Optional questions के liye ye सप्त त्रिक बहुत Importance रखते है।
UG मे one word Questions🙋 मे और
PG मे भी पूछे जाते है।
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