BAMS और BHMS में से क्या चुने। आयुर्वेद और होमियोपैथी में से आपके लिए बेहतर विकल्प कोनसा रहेगा। किसमे मेरा कैरियर अच्छा रहेगा। आगे जा कर मुझे किसमे जड़ा सफलता मिल सकती है। इन सवालों को लेकर आप भी कन्फ्यूज हो रहे है क्या! में भी आपकी तरह ही इस दौर से गुजर चुका हूं। इसलिए में आपके इन सवाल का उत्तर देने का प्रयाश करूंगा और मेरी पूरी कोशिश यह रही की में आपको सही सलाह दे पाऊं।
कैरियर का चुनाव करते समय जल्दबाजी बिल्कुल नहीं करनी चाहिए। अकसर लोग हमसे कहते है कि अपने दिल की सुनो या जो तुम्हे अच्छा लगता है उसे अपना कैरियर बना लो। परंतु कभी कभी हम लोगो को ऐसे चुनाव करने पड़ते है जिनके बारे में हमें ज्यादा कुछ पता नही होता।
बहुत से लोगो को आयुर्वेद और होम्योपैथी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं रहती है और उन्हें सही राह दिखाने वाला भी कोई व्यक्ति नही होता है ऐसे में बच्चो को समझ नही आता आगे क्या करे। आयुर्वेद करे या होम्योपैथी को अपना कैरियर बना ले।
दोस्तो जब मेने आयुर्वेद को अपना कैरियर बनाने का निर्णय लिया था तब मुझे आयुर्वेद की बारे में कुछ भी नही पता था। आयुर्वेद की पढ़ाई कैसी होती है उसमे क्या – क्या पड़ना पढ़ता है, क्या में आयुर्वेद पढ़ पाऊंगा, संस्कृत कैसे पढ़ूँगा। ये सब सवाल मेरे मन में थे पर आज में एक सफल आयुर्वेद चिकित्सक हू। दोस्तो आप भी सही फैसला ले सकते है और में आपकी इसमें मदद करने की कोशिश करूंगा। यहा तक मेरा साथ देने का आपका शुक्रिया। अब में आपको आयुर्वेद और होम्योपैथी के बारे में कुछ बाते बता देना चाहता हू।
आयुर्वेद – आयुर्वेद भारत देश की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति है बहुत से लोग आयुर्वेद को पांचवा वेद भी मानते है। सभी चिकित्सा पद्धतियों में सबसे पुरानी और विश्वसनीय चिकित्सा पद्धति है। ब्रिटिश शासन के समय में आयुर्वेद को बहुत दबाया गया और बहुत से अमूल ग्रंथ और पुस्तक भी जला दी गई। पर आज भी आयुर्वेद भारत के घर घर में है। सभी चिकित्सा पद्धति का विकास का आधार आयुर्वेद ही रहा है।
आयुर्वेद की पढ़ाई साढ़े पांच साल की होती है जिसमे डेढ़ साल के तीन theory सेक्शन होते है और एक साल की इंटर्नशिप रहती है।
आयुर्वेद के विषय सूची | Subjects list in Ayurveda
- अष्टांग हृदय – ये पुस्तक आचार्य वगभट के द्वारा संस्कृत भाषा मे लिखी गई है। इसमे आयुर्वेद के बार मे पूरी जानकारी दी गई है। इस पुस्तक का हिन्दी और इंग्लिश अनुबाद दोनों ही मिलते है। आयुर्वेद के पीछे का विज्ञान इस पुस्तक मे देखने को मिलता है इसलिए इस विषय को प्रथम वर्ष मे पढ़ाया जाता है।
- रचना शारीर – रचना का अर्थ होता है structure और शारीर का अर्थ है body। रचना शारीर को anatomy कहते है । इसे भी प्रथम वर्ष मे पढ़ाया जाता है।
- क्रिया शारीर – Physiology
- संस्कृत – आयुर्वेद की सभी पुस्तक सांकृत मे लिखी गई है इसलिए संस्कृत भाषा भी आयुर्वेद के विधार्थी को आनी चाहिए इसलिए प्रथम वर्ष मे संस्कृत दी गई है।
- पढ़ार्थ विज्ञान और आयुर्वेद का इतिहास
- द्रव्य गुण विज्ञान – Knowledge of Herbal Plants.
- रस शास्त्र और भेषज कल्पना – Knowledge of Mineral based Medicine and Various form of Ayurveda Medicine.
- रोग निदान – Pathology
- चरक संहिता
- अगद तंत्र और व्याहर आयुर्वेद, विधि वैद्य – Forensic science and Toxicology and Medical jurisprudence
- प्रसूति तंत्र और स्त्री रोग – Genecology
- कौमारव्रत्य – Pediatrics
- शलक्या तंत्र – ENT
- शल्य तंत्र – Surgery
- कायचिकित्सा – General Medicine
- पंचकर्म
- Research Methodology and Medical Statics
होमियोपैथी – होमियोपैथी की खोज जर्मनी 1700 मे हुई थी। होम्योपैथी इस विश्वास पर आधारित है कि मानव शरीर स्वयं को ठीक कर सकता है। होम्योपैथी का अभ्यास करने वाले पेशेवर खनिज और पौधों जैसे प्राकृतिक पदार्थों की बहुत कम मात्रा का उपयोग करते हैं। उनका मानना है कि ये खनिज/पौधे healing process को प्रोत्साहित करने में मदद करते हैं। होम्योपैथी का विकास 1700 के दशक में जर्मनी में हुआ था, यह कई यूरोपीय देशों में आम है। होम्योपैथी की अवधारणा के पीछे मूल विश्वास “like cure like” है, ये शरीर के प्राकृतिक रक्षा तंत्र और प्रतिरक्षा प्रणाली को गति प्रदान करने के लिए हैं।
होम्योपैथी की विषय सूची | Subjects list in Homeopathy
- Anatomy
- Embryology
- Homeo Therapeutics
- Materia Medica
- Pathology
- Obstetrics
- Virology
- Parasitology
आयुर्वेद और होमियोपैथी में अंतर | Difference between Ayurveda and Homeopathy
आयुर्वेद और होम्योपैथी चिकित्सा में बहुत अंतर है। आयुर्वेद में पेड़ पौधों का उपयोग करके दावा बनाई जाती है और होम्योपैथी में distillation आदि तरह से दावा को 100 से 1000 बार तक dilute किया जाता है जिससे उसकी potency बहुत कम हो जाती है क्युकी homoeopathy मानता है की हमारा शारीर अपने आप सही हो सकता है “like cure like”. होमोएपथी की दावा मात्रा काम दी जाती है जिस बजे से उसके कोई भी side effect देखने को नहीं मिलते है। आयुर्वेद की दवाएं होम्योपैथी की दावा से जल्दी असर दिखाती है। आयुष मंत्रालय आयुर्वेद और होमियोपैथी को आगे लाने का प्रयास कर रहा है। कोविड के बाद से दोनों चिकित्सा पद्धतियो में विकास हुआ है। हाल ही में Who ने Indian traditional medicine का केंद्र भारत मे स्सथापित किया है।
आयुर्वेद और होमोएपथी दोनों ही चिकित्सा करने की विधि है। दोनों का ही एक मकसद है रोगी को रोग मुक्त करना। आप चाहे होमोएपथी ले या आयुर्वेद दोनों ही क्षेत्र अच्छे है। आपको रुचि के साथ इन्हे पढ़ना होगा आगे बढ़ाने की संभावना दोनों ही क्षेत्र मे समान है आपका जिसमे भी ज्यादा इन्टरेस्ट हो उसमे जा सकते हो।
अगर आपका कोई सवाल हो तो कमेन्ट मे पूछ सकते है मे उस प्रश्न का जल्द से जल्द उत्तर देना का प्रयास करूंगा।